विषयासक्ति का अर्थ और विषयासक्ति से बचने का उपाय

विषयासक्ति का अर्थ और विषयासक्ति से बचने का उपाय

विषयासक्ति का अर्थ और विषयासक्ति से बचने का उपाय


विषयासक्ति का अर्थ :


सांसारिक विषयों के भोग में तल्लीन रहने की अवस्था या भाव। The state or feeling of being engrossed in the enjoyment of worldly subjects.


विषयासक्ति से बचने का उपाय : 


गीता में भगवान श्री कृष्ण ,विषयासक्ति से बचने का उपाय बताते हैं |
भगवान श्री कृष्ण, अर्जुन से कहते हैं,
श्री कृष्ण : हे अर्जुन आसक्ति के मारे हर मनुष्य किसी भी विषय के आकर्षण और मोह में फंसकर सोते जागते निरंतर उसी का चिंतन करते रहते हैं ,और यदि आसक्ति का नाश नहीं हुआ तो मनुष्य का सर्वनाश हो जाता है


अर्जुन: हे माधव सर्वनाश कैसे
श्री कृष्ण: हे अर्जुन जैसे कोई मनुष्य किसी सुंदर स्त्री के प्रेम में पड़ जाता है , तो निरंतर उसी का चिंतन करता रहता हैं , इसी लगाव या प्रेम को आसक्ति कहते हैं,आसक्ति की नीव पर काम की भावना उभरने लगती है, काम या वासना में थोड़ी भी रुकावट आने से क्रोध का आगमन हो जाता है | काम जनित अविवेक की आंधी से मनुष्य की स्मृति नष्ट हो जाती है और जब स्मृति नष्ट हो जाती है, तब बुद्धि नाश में कितना समय लगता है पार्थ


अर्जुन: हे माधव क्या इससे बचने का कोई उपाय है
श्री कृष्ण : परमात्मा की भक्ति करने से मन सात्विक हो जाता है, और विषयासक्ति पूर्णता: समाप्त हो जाती है
दुर्भाग्य की समाप्ति हो जाती हैं क्योंकि मेरा ध्यान करते करते भक्त का मन निष्क्रिय हो जाता हैं और अस्तित्व मुझमें लीन हो जाता हैं। 

गुरूदेव प्रेमानंद जी महाराज द्वारा विषयासक्ति से बचने का उपाय :


प्रेमानंद जी महाराज : 

मैं सत्य वचन कहता हूं, कुसंग त्याग करके, प्रभु को अपना मानके,थोड़ा भी नाम जाप करके देखो, आपको कैसा अनुभव में आता है, ये आपके हाथ की बात है, यह भगवान के ऊपर मत छोड़िए कि भगवान चाहेंगे तो भजन हो जाएगा,भगवान ने तो चाहा ही है,तुम्हें मनुष्य जन्म दिया, तुम्हें सत्संग दिया,और तुम भजन छोड़ दो भगवान के ऊपर और अपने मन में कहो कि भगवान चाहेंगे तो भजन हो जाएगा,ताकत नहीं कुसंग की कि तुम्हें परास्त कर सके यदि जीभ्व्या में नाम है |

ये भगवान से विमुख कर देने वाले लोग, भगवान से विमुख कर देने वाले विषय, भगवान से विमुख कर देने वाला चिंतन, इसे छोड़ कर देखो कैसा आनंद अनुभव होता है, और ये छोड़ने की समर्थ भगवान का नाम ही देगा |भगवान का नाम आग है, तुम्हारे समस्त कर्म संस्कार भस्म करके महान तेजोमय तुम्हें बना देगा |

जय श्री कृष्ण
जय श्री हरि 

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